आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mahangu ki tayi ebooks"
Kavita के संबंधित परिणाम "mahangu ki tayi ebooks"
ग़ज़ल की तरह
ऐसा नहीं है कि वो बेख़बर था मिरी कश्मकश सेमगर मुझे भूल जाने की उसे उम्मीद ज़्यादा थी
धर्मेश
कि यह सतयुग की कथा है
कि यह सतजुग की कथा हैबैठो, जानकी की हँसुली का मूँगा भी रक्तिम चमकता है
ज्याेति शोभा
आज की बारिश में कल की बारिश है
तब मैंने सोचा था कि कल की बारिश में होगी आज की बारिशजैसे आज देख रहा हूँ आज की बारिश में कल की बारिश।
लाल्टू
शादी की उम्र में नौकरी की चिंता
एक बेचारे की तरह दिखने लगता था मैं उन्हेंएक आश्चर्य की बात बतलाऊँ
निशांत
शाइर की बीवी का ग़ज़ल गुनगुनाना
ग़ुसलख़ानों की हया को छिपाती हैंबिस्तर की दहशत को आँखे बंद किए बर्दाश्त करती हैं